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Hindi Shayari

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Hindi Shayari

ना दिल से होता है
ना दिमाक से होता है
ये प्‍यार तो इतफाक से होता है
और क्‍या कहे प्‍यार करके भी
प्‍यार न मिले ये इतफाक सिर्फ हामारे साथ होता हैं

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आंसू पौछकर हंसाया है मुझे
मेरी गलती पर भी सीने से लगाया है मुझे
कैसे प्‍यार न हो ऐसे दोस्‍त से
जिसकी दोस्‍ती ने जीना सिखाया है मुझै

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तु दिल में ना जाये तो मैं क्‍या करू
तु ख्‍यालों से ना जाये तो मैं क्‍या करू
कहते है ख्‍वावों में होगी मुलाकात उनसे
पर नींद न आये तो मैं क्‍या करू

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प्‍यार गुनाह है तो होने ना देना
प्‍यार खुदा है तो खोने ना देना
करते हो प्‍यार जब किसी से तो
कभी उस प्‍यार को रोने ना देना

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बिकता अगर प्‍यार जो कौन नहीं खरीदता
बिकती अगर खुशियां तो कौन उसे बेचता
दर्द अगर बिकता तो हम आपसे खरीद लेते
और आपकी खुशियों के लिए हम खुद को बेच देते

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काश खुशियों की कोई दुकान होती
हमें भी उसकी पहचान होती
भर देते आपकी जिन्‍दगी को खुशियों से
किमत चाहे उसकी हमारी जान होती

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कोई ऐसा दोस्‍त बनाया जावे
जिसके आंसू को पलकों में छुपाया जाये
रहे उसका मेरा रिश्‍ता कुछ ऐसा
कि अगर वो उदास हो तो हमसे भी ना मुस्‍कुराया जावें

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जिन्‍दगी की राहों में बहुत से यार मिलेगें
हम क्‍या हमसे भी अच्‍छे हजार मिलेगें
इन अच्‍छों की भीड में हमे ना भूला देना
हम कहॉ आपको बार बार मिलेगें

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दिल में बसता है दिल ए यार
जब चाहा सर झुकाया और कर लिया दिदार
आखों में है आपके प्‍यार का सरूर
आप ही ना जाने हमारा क्‍या कसूर

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आप पास रहे या दूर
हम दिल से दिल की आवाज मिला सकते है
ना खत के, ना टेलिफोन के मौहजात है हम
आपके दिल को एक हिचकी से हिला सकते है हम

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ए दोस्‍त तेरी दोस्‍ती ये नाज करते है
हर बकत मिलने की फरियाद करते है
हमें नही पता घरवाले बताते है
के हम नीदं में भी आपके बात करते हैं



अपने दिल की सूनी अफवाहों से काम ना ले
मुझै याद रख बेशक मेरा नाम ना ले
तेरा बहम है के मैं भूला दूंगा तुझे
मेरी कोई ऐसी सांस नहीं जो तेरा नाम न ले

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दोस्‍ती से आज प्‍यार शरमाया है
तेरी चाहत ने कुछ ऐसा गजब ढाया है
खुदा से क्‍या तुझे मांगे, वो तो आत खुद
मुझ से मुझ जैसा मांगने आया है

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सांस लेने से तेरी याद आती है
ना लेने से मेरी जान जाती है
कैसे कह दू सिर्फ सॉस से मै जिन्‍दा हू
कम्‍बक्‍त सांस भी तो तेरी याद के बाद आती है

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हंसी ने लबों पर थ्रिकराना छोड दिया
ख्‍बाबों ने सपनों में आना छोड दिया
नहीं आती अब तो हिचकीया भी
शायद आपने भी याद करना छोड दिया

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ओस की बूंदे है, आंख में नमी है,
ना उपर आसमां है ना नीचे जमीन है
ये कैसा मोड है जिन्‍दगी का
जो लोग खास है उन्‍की की कमी हैं

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आसुओं के चलनेकी आवाज नहीं होती
दिल के टुटने की आहट नहीं होती
अगर होता खुदा को हर दर्द का अहसास
तो उसे दर्द की आदत ना होती

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हम दोस्‍ती में हद से गुजर जायेगें
ये जिन्‍दगी आपके नाम कर जायेगें
आप रोया करेगों हमे याद करके
आपके दामन में दतना प्‍यार भर जायेगें

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रिश्‍तों की ये दुनिया है निराली
सब रिश्‍तों से प्‍यारी है दोस्‍ती तुम्‍हारी
मंजूर है आंसू भी आखों में हमारे
अगर आ जाये मुस्‍कान होठों पे तुम्‍हारी

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ए पलक तु बन्‍द हो जा,
ख्‍बाबों में उसकी सूरत तो नजर आयेगी
इन्‍तजार तो सुबह दुबारा शुरू होगी
कम से कम रात तो खुशी से कट जायेगी



बिन देखे तेरी तस्‍वीर बना सकते हैं
बिन मिले तेरा हाल बना सकते है
हमारे प्‍यार में इतना दम है की
तेरे आसूं अपनी ऑख से गिर सकते हैं

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उन्‍हें ये शिकवा हमसे के
हम उन्‍हें याद करते ही नहीं
पर कम्‍बख्‍त उन्‍हे ये कौन समझाये की
हम उन्‍हें याद कैसे करें जिन्‍हे हम भूलते ही नहीं

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अहसास बहुत होगा जब छोड के जायेगें
रायेगें बहुत अगर आसूं नहीं आयेगें
जब साथ ना दे कोई तो आवाज हते देना
आसमां पर भी होगें तो लोट के आयेगें

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आपकों प्‍यार करने से डर लगता है
आपकों खोने से डर लगता है
कहीं आखों से गुम ना हो जाये याद
अब रात में सोने से डर लगता है

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यूं तो आपको रोज याद कर लिया करते है
मन ही मन में देख लिया करते है
क्‍या हुआ अगर आप पास नहीं है
हम तो दलि में मूलाकात कर लिया करते हैं

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याद में तेरी आखं भरता है कोई
सांस के साथ तुझे याद करता है कोई
मौत सच्‍चाई है इक रोज सबको आनी है
तेरी जुदाई में हर रोज मरता है कोई

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दीवाने है तेरे नाम के इस बात से इंकार नहीं
कैसे कहे कि तुमसे प्‍यार नहीं
कुछ तो कसूर है आपकी आखों का
हम अकेले तो गुनहगार नहीं

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इतना ना चाहों की भूला ना सके
इतना ना पास आओं की दूर ना जा सकों
तन्‍हाई में बैठकर ये सोचते है हम
कि ना चाहों उसकी जीसे पा ना सको


जुदाई आपकी रूलाती रहेगी
याद आपकी आती रहेगी
पल पल जान जाती रहेगी
जब तक जिस्‍म में है जान सांस आपसे प्‍यार निभाती रहेगी

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भूल में भी किसी को ना रूलाना
जिन्‍दगी में सबकों हॅसाना
दुश्‍मन की भी गले लगाना
फिर भी कोई गम हो तो इस बेब पेज को पढ लेना

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दुआवों में इक दुआ हमारी
जिसमें मांगी हमने हर खुशी तुम्‍हारी
जब भी मुस्‍कुराओं दिल से
समझों कबूल दुआ हमारी

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ये दुरियॉ अजीब सी लगती है
अपनी बात हुये मुददत सी लगती है
तुम्‍हारी दोस्‍ती अब जरूरत सी लगती है

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हमारे दिल में छडकन आपकी सुनाई देती है
आखों में सूरत उनकी दिखाई देती है
चलते तो हम है लेकिन
जब मुडते है तो पंरछाई आपकी दखिई देती है

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ना छुपाना कोई बात दिल में हो अगर
रखना थोडा भरोसा तुम हम पर
हम निभायेगें दोस्‍ती का रिश्‍ता इस कदर
कि भूलाने पर भी ना भूला पायेगें हमें जिन्‍दीभर

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दोस्‍ती दिल है दिमाक नहीं
 दोस्‍ती सोच है आवाज नहीं
कोई आखों से नहीं देख सकता दोस्‍ती के जज्‍बे
क्‍योंकि दोस्‍ती अहसास है अन्‍दाज नहीं

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